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25 दिसंबर - श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर विशेष

अमरप्रीत सिंह काले
पूर्व प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

पिछले कुछ वर्षों से हार्दिक इच्छा हो रही थी कि एक बार श्री वाजपेयी जी का आशीर्वाद प्राप्त हो। मुझे याद है, कुछ वर्ष पहले झारखंड के कई वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारियों के साथ मैं श्री लालकृष्ण आडवाणी जी से मिलने उनके आवास पर गया था। यहीं पर मेरी जिज्ञासा हुई कि श्रद्धेय अटलजी से मुलाकात कैसे संभव हो सकता है। श्री आडवाणी जी से मुलाकात के पश्चात मैंने उनके आवास पर उत्सुकतावश श्री गौड साहब से इस संबंध में जानकारी ली। श्री गौड आडवाणी जी के मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी से मिलना हो तो उनके यहां श्री जिंटा साहब हैं। आप उनसे संपर्क करें। चूंकि अटल जी थोडे अस्वस्थ रहते हैं। इसलिए चिकित्सकों की सलाह पर जिंटा साहब हीं उनसे लोगों का मिलना-मिलाना तय करते हैं। श्री गौड ने मुझे जिंटा साहब का फोन नंबर भी दिया।

इसके बाद मैं जब भी दिल्ली जाता श्री जिंटा साहब को फोन करता। माननीय अटल जी से मुलाकात करने की इच्छा प्रकट करता। दो बार तो ऐसा हुआ कि उन्होंने मुलाकात करने के लिए बुला लिया लेकिन जब मैं वहां गया तो पता चला कि अटलजी की तबीयत खराब हो गई है। पिछले 14 नवंबर को भी दिल्ली में था। मैंने जिन्टा जी को सूचना दी कि अभी यहां कुछ दिन रहना है। अगर अटल जी से मुलाकात करने की संभावना हो तो वे कृपया सूचित करें। 17 नवंबर को विहिप के बडे नेता श्री अशोक जी सिंघल के निधन की खबर टीवी पर आ रही थी। मैं टीवी देख रहा था। अचानक श्री अटल जी के आवास से फोन आता है। उधर से पूछा जाता है, आप दिल्ली में ही हो या लौट गए हो। मेरे हां कहने पर उक्त सज्जन ने कहा कि थोडी देर लाइन पर रहें। चंद सेकेंड के बाद एक मधुर सी आवाज गूंजी, कान में। मन प्रसन्न हो गया। जिन्टा साहब दूसरी और थे, पूछा-जी काले साब, आप शाम चार बजे आ सकते हैं क्या? मैंने उत्तर दिया जी आ सकता हूं। उधर से उन्होंने बताया कि आप आएं, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि आपकी मुलाकात करा दूं। दरअसल वे पिछले दो बार मेरे वापस लौटने से हिचक रहे थे। मन की बात साझा भी की। कहा, आप दो बार आए हैं और मुलाकात नहीं हो पाई। मैंने कहा कोई बात नहीं। आज भी अगर ऐसा हुआ तो मुझे कतई बुरा नहीं लगेगा, आप यकीन मानें। मैंने शाम को नोएडा जाने का प्रोग्राम कैंसिल किया और ठीक 3.55 बजे अटल जी के निवास स्थान पर पहुंच गया। सुरक्षा अधिकारियों को सूचना भिजवाई। पहले भीतर तक कार के जरिए गया था। इस बार सुरक्षा अधिकारियों ने पूछा तो मैंने पैदल ही जाने की इच्छा जताई। मन में उत्सुकता थी। थोडी ही देर में मैं जिन्टा साहब के पास था। वे मेरा ही इंतजार कर रहे थे। आने के साथ ही उन्होंने इन्टरकाम संपर्क स्थापित कर मेरे आने की जानकारी दी।

थोडी देर में ही हम उस परिसर में थे जहां अटल जी रह रहे हैं। बाहर बडे-बडे कटआऊट, शानदार तस्वीरें। मैंने जूते उतारे। सामने दो सज्जन थे। एक शायद उनमें नर्सिंग स्टाफ रहे होंगे। खैर, जिन्टा साहब ने बताया कि यहीं दोनों सेवा में हैं। खासकर दूसरे सज्जन की और उन्होंने इशारा किया। मेरे मन में श्रद्धा के भाव उमडे। हाथ जोड दोनों सज्जनों को प्रणाम किया। मेरी व्याकुलता अटल जी का दर्शन करने की थी। मैंने देखा- बगल वाले कमरे में एक बिछावन लगा था। वे इत्मीनान से आराम कर रहे थे या सो रहे होंगे। मैं अटल जी के चरण की तरफ खडा था। जिन्टा साहब ने धीमे से उनके कान में आवाज लगाई – सर देखिए, कौन आए हैं। झारखंड में बीजेपी के प्रवक्ता हैं। आप से बहुत दिन से आशीर्वाद लेना चाहते हैं। इन्हें आशीर्वाद दीजिए। इसके बाद जिन्टा जी ने मुझसे कहा-शायद नींद आ गई होगी। अभी कुछ देर पहले उठे थे। इतना कहना था कि अटल जी की आँख खुली। मुझे गौर से देखा। ठीक वैसे जैसे कोई ममत्व की बारिश कर रहा हो। लगा कि आशीर्वाद दे रहे हैं। मुझे अजीब सी, लेकिन आनंददायक अनुभूति हुई, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया सकता। मैंने उनके चरण स्पर्श किए। एक आध्यात्मिक सुख का अहसास था। मेरी आँख डबडबा गई। कुछ ही पल में मेरे मन के सामने उनके कितने चित्र उभरे कि मैं भी हैरान था। भाजपा से वैचारिक लगाव का एक बडा कारण अटल जी का विराट व्यक्तित्व था। जिन्टा जी ने टोका तो हम साथ-साथ बाहर निकले। कमरे से बाहर आए तो आंखों से आंसू बह रहे थे। जिन्टा साहब हमें अपने कमरे में वापस लेकर आए। पाँच मिनट तक मैं स्थिर बैठा रहा। भावनाएं बेकाबू थी और मैं इश्वर को धन्यवाद दे रहा था जिन्होंने एक राजनीतिक संत का सान्निध्य प्रदान किया। जो लोग अटल जी की देखरेख और सेवा में लगे हैं, उनकी सज्जनता देखी। खासकर जिन्टा साहब ने काफी प्रभावित किया, जिसे भूल नहीं सकता। सबको अभिवादन किया। अभी भी उनसे मुलाकात की स्मृति मन में बसी है। मौका मिला तो फिर कोशिश करूंगा श्रद्धेय अटलजी का चरण स्पर्श करने की, क्योंकि वैसा आध्यात्मिक आनंद किस्मत से ही मिलता है।

4 Comments :-

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